Saturday, March 24, 2012

जियो तो ऐसे जियो ,जैसे हर दिन आखरी हो

"जब मैं 17 साल का था तो मैंने  पढ़ा था जो कुछ ऐसा था ,' अगर आप हर दिन को इस  तरह जिए कि मानो वह आपका आखिरी दिन है तो एक दिन आप बिलकुल सही जगह होगे .'
इस वाक्य ने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला और उसके बाद से यह मेरा नियम हो गया कि मैं हर दिन अपना चेहरा आईने में देखता हूँ और अपने आप से पूंछता हूँ ,अगर आज मेरी जिंदगी का आखरी दिन हो तो क्या मैं वह करना चाहूँगा जो मैं आज करने वाला हूँ और लगातार कई दिनों तक जब इसका जबाब नहीं होता है तो मैं समझ जाता हूँ कि मुझे कुछ बदलने की जरूरत है.
कोई भी मरना नहीं चाहता. यहाँ तक कि जिन लोगो को पता है कि स्वर्ग में जायेंगे , वो भी नहीं. फिर भी मृत्यु वो गंतव्य है , जो हम सभी के हिस्से में आती है . कोई कभी इससे बच नहीं सका है . यह सब वैसा ही है जैसा उसे होना चाहिए क्योंकि मृत्यु जीवन का एकमात्र सर्वोतम अविष्कार है. यह जीवन को बदलने वाला तत्व है. यह नए के लिया रास्ता बनाने के लिए पुराने को साफ़ करता है .
आपका समय बहुत सिमित है , इसलिए किसी दुसरे के जिन्दगी जीने में उसे बर्बाद न करे . मान्यताओं के शिकंजे में न फंसे - जिसमें आप उन परिणामों के साथ जीते है , जिसके बारे में दुसरे सोचते है . दुसरे के मत और विचारों के शोर से अपने अन्दर की आवाज को दबने न दे और सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने दिल और पूर्वाभासों का अनुसरण करने का सहस रखे .ये दोनों किसी तरह पहले से ही जानते है की आप सच में क्या बनना चाहते है . बाकि सब बांते अप्रधान है."

(पैनक्रियाज के कैंसर से लडाई में  जित  हासिल करके लौटने के तुरंत बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में सन 2005 में एप्पल इंक के सी .इ .ओ. स्टीव जाब्स के कुछ शब्द )

Tuesday, March 6, 2012

अच्छा सोचिए, सेहतमंद बनिए

जिनकी सोच पॉजिटिव वे किसी भी महफिल में छा जाते हैं
लाइफ में जैसे-जैसे भौतिक सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं, वैसे-वैसे नेगेटिव सोच बढ़ती जा रही है। निगेटिव थिंकिंग का ही आलम है कि हर तरफ निराशा, हिंसा का वातावरण बनता जा रहा है। आइए जानें पॉजिटिव थिंकिंग के फायदे : काउंसलर के अनुसार,सकारात्मक सोच से आदमी के अंदर ऊर्जा आती है। मुश्किल वक्त भी कट जाता है।

साइकोलॉजिस्ट बताते हैं-पॉजिटिव थिंकिंग से रास्ते की मुश्किलें हल हों या न हों, मन का तनाव जरूर खत्म हो जाता है। जिनकी सोच पॉजिटिव रहती है वे किसी भी महफिल में छा जाते हैं। रिसर्च के अनुसार, सकारात्मक सोचने वालों की उम्र भी अधिक होती है। कुल मिलाकर सकारात्मक सोच 'हैप्पी लांग लाइफ' की कुंजी है। जॉब के लिए भी जब आप जाते हैं तो आपके पॉजिटिव एटीट्यूड को नोट किया जाता है।

एक बार इन्हें अपनाएं

फ्रेंड सर्कल : पॉजिटिव थिंकिंग वाले लोगों के साथ रहें। यह बहुत जरूरी है आप के आस-पास के लोग सकारात्मक सोच वाले हों। फिर देखिए कि कैसे मुश्किल हालात भी आसान हो जाते हैं।

दयालुता - इसकी शुरुआत भी आप अपने आप से करें। खुद के प्रति दयालु रहें आपकी सोच पॉजिटिव हो जाएगी। फिर अपने आसपास के लोगों को जानिए कि किसे आपकी भावनात्मक या सामाजिक जरूरत है? सबको दया की दृष्टि से देखना शुरू कीजिए आपके मन में खुद ब खुद कोमल भाव आने लगेगें।

विश्वास- जी हां, फरेब की इस दुनिया में विश्वास के साथ चलें। आपका विश्वास आपको दिशा देगा। सबसे ज्यादा जरूरी है स्वयं पर विश्वास। फिर ईश्वर पर विश्वास रखें कि वे आपके साथ कभी कुछ बुरा नहीं करेंगे बल्कि जो आपकी प्रगति के लिए बेहतर होगा वही प्रयोग आपके साथ भगवान करेगा।

प्रेरणा - जिस व्यक्ति का काम अच्छा लगे उससे प्रेरणा लें। अखबार के अलावा किताबें पढ़ने की आदत डालें। हर किसी में अच्छी बातें तलाशें और जिनसे आप प्रभावित हों व जो समाज हित में हो उसे अपने जीवन में अपनाएं।

स्माइल- सबसे अधिक जरूरी है एक प्यारी-सी, मीठी-सी स्माइल। आपका मुस्कुराना दूसरों से पहले आपको तनावमुक्त करता है। मुस्कान सोच में बदलाव लाती है।

रिलैक्स्ड रहें - दिन भर में पचासों ऐसे कारण सामने आते है जिनसे खीज होती है, स्वस्थ रहने के लिए बेहतर है कि यह खीज आपके साथ क्षण भर ही रहे। तुरंत नियंत्रण पाने की कोशिश करें। खुद को परेशानी से तुरंत दूर करना ही सेहत के लिए बेहतर है।

ध्यान बांटे- जो बात आपको ज्यादा परेशान कर रही है उससे अपना ध्यान हटा कर उन बातों की तरफ रूख कीजिए जो आपको अच्छी लगती है। जैसे ऑफिस में काम के बीच थोड़ी देर के लिए ब्रेक ले लीजिए और गूगल पर खूबसूरत फ्लॉवर्स या क्यूट बेबी सर्च कीजिए। जरूरी नहीं आप भी यही करें आप अपनी रूचि के इमेज तलाश कर सकते हैं। अगर आपको टेडी से प्यार है तो आप उसके आकर्षक फोटो देख लीजिए या फिर लिटिल बर्ड। च्वॉइस आपकी।

प्यार के बारे में सोचें- हम सभी अपने जीवन में एक बार प्यार अवश्य करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है प्यार की मधुर स्मृतियां आपको ताकत देती है। याद रहे, प्यार की अच्छी और सुखद बातें ही सोचें ना कि तकलीफदेह बातें।

प्यार के सुहाने पल मन में मीठी गुदगुदी का भाव जगाते हैं इसलिए ब्रेकअप के बजाय उससे पहले के लगाव और नए-नए आकर्षण की बातें सोचें आपको उनसे जीवन जीने की नई ऊर्जा मिलेगी।

सकारात्मक सोच जीवन-संघर्ष में आपकी सच्ची साथी है। साथ ही आपको बीमारियों से भी बचाती है।

Source: http://hi.shvoong.com/how-to/health/2203053-%E0%A4%9C-%E0%A4%A8%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%9A-%E0%A4%AA/