अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया-
'तुम में से जो आदमी किसी बुराई को देखे, उसे अपने हाथ (ताकत) से बदल दे, अगर यह भी मुमकिन न हो सके तो ज़ुबान से उसे बदलने की कोशिश करे, अगर यह भी मुमकिन न हो तो दिल ही से सही और यह ईमान का सबसे कमज़ोर दर्जा है।' -मुस्लिम
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अगर यह भी मुमकिन न हो सके तो ज़ुबान से उसे बदलने की कोशिश करे, अगर यह भी मुमकिन न हो तो दिल ही से सही और यह ईमान का सबसे कमज़ोर दर्जा है
ReplyDeleteसर्वप्रथम जनमदिन की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteतीन से घृणा न करो
ReplyDelete1 रोगी से
2 दुखी से
3 निम्न जाती से
मुहम्मद साहब