Monday, April 11, 2011

जुल्म और लालच Save Yourself

अल्लाह के रसूल (स.) ने फ़रमाया-
‘ज़ुल्म से बचते रहो, क्योंकि ज़ुल्म क़ियामत के दिन अंधेरे के रूप में ज़ाहिर होगा और लालच से भी बचते रहो, क्योंकि तुम से पहले के लोगों की बर्बादी लालच से हुई है। लालच की वजह ही से उन्होंने इन्सानों का खून बहाया और उनकी जिन चीज़ों को अल्लाह ने हराम किया था, उन्हें हलाल कर लिया।‘  -मुस्लिम

इस हदीस में पहले ज़ुल्म से बचने को कहा गया है और बताया गया है कि ज़ुल्म आखि़रत में बहुत से अंधेरों का रूप इख्तियार करेगा और ज़ालिम इंसान अंधेरों में भटकता हुआ जहन्नम में जा गिरेगा। इसके बाद लालच से बचने की ताकीद की गई है। क्योंकि दुनिया और मालो जायदाद का लालच ही बेशुमार गुनाहों की जड़ है। इसी से इंसान आखि़रत को भूल जाता है और दीन के रास्ते में कुरबानी देने से कतराता है। लोगों के हक़ मारता है और इंसानों पर ज़ुल्म करता है। इतना ही नहीं, वह उनके माल और इज़्ज़त पर भी हाथ डालता है और वह खून-ख़राबा भी करने लगता है। एक दूसरी हदीस में है-

‘जिस किसी ने अपने भाई पर कोई ज़ुल्म किया हो, उसे चाहिए कि आज ही अपने लिए राह निकाल ले यानि हक़ अदा कर दे या माफ़ करा ले। इससे पहले-पहले कि वह दिन आए जब कि न दीनार होगा और न दिरहम। अगर नेकियां होंगी तो उसके किए हुए जुल्मों के मुताबिक़ उस से ले ली जाएंगी और अगर नेकियां न होंगी तो जिन पर ज़ुल्म हुआ है, उनके गुनाह उस पर डाल दिए जाएंगे। जिसका नतीजा यह होगा कि वह जहन्नम में जा पड़ेगा।‘ -बुख़ारी


2 comments:

  1. sath dene se ladae asaan ho jate hai

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  2. Hum zulm se tabhi bach sakte hain jab hum zulm karnaa aur sehnaa band karenge.ye jung hamari hami se hai..isme jeet apni hi hogi agar hum khud se aur zulm ke khilaaf lad sake to..:)
    [ज़ुल्म से बचते रहो, क्योंकि ज़ुल्म क़ियामत के दिन अंधेरे के रूप में ज़ाहिर होगा और लालच से भी बचते रहो, क्योंकि तुम से पहले के लोगों की बर्बादी लालच से हुई है। ]

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