Saturday, June 4, 2011

सच्ची सुंदरता क्या है ? Real Beauty - Dr. Anwer Jamal

डा. अनवर जमाल और BK संगीता जी आध्यात्मिक चर्चा करते हुए 
ख़ूबसूरत चेहरा और सुंदर शरीर किसे नहीं भाता लेकिन ज़्यादातर यह एक क़ुदरती तौर पर ही लोगों को मिलता है। किसी के हाथ में नहीं है कि वह चाहे तो अपनी लंबाई बढ़ा ले। मॉडलिंग करने वाले औरत-मर्द पैदाइशी तौर पर ही ख़ूबसूरत होते हैं। वे तो सिर्फ़ उसकी देखभाल करके उसे निखारते भर हैं। जो चीज़ आदमी के अपने बस में न हो, वह उसकी ख़ूबसूरती जांचने का सही पैमाना नहीं हो सकती, ख़ासकर तब जबकि इंसान मात्र शरीर ही नहीं होता। उसमें मन-बुद्धि और आत्मा जैसी हक़ीक़तें भी पोशीदा होती हैं।
सुंदर व्यक्तित्व कहलाने का हक़दार वही हो सकता है, जिसके विचार और और कर्म अच्छे हों। जिसके विचार सकारात्मक हैं, उसका कर्म भी सार्थक होगा, यह तय है। ऐसा इंसान प्रेम, शांति, सहयोग और उपकार के गुणों से युक्त होता है। दुख भोग रही दुनिया के दुखों को अपनी हद भर कोशिश करता है। दूसरों की भलाई के लिए और अपने देश की रक्षा में अपनी जान देने वाले इंसान इन्हीं लोगों में से होते हैं।

इंसान के मन में प्रायः चार प्रकार के विचार पाए जाते हैं
1.ज़रूरी विचार- अपने वुजूद को बाक़ी रखने के लिए इंसान को खाने-पीने, मकान-लिबास, शिक्षा और इलाज की ज़रूरत होती है। इन्हें पाने के लिए जो विचार होते हैं। वे ज़रूरी विचार की श्रेणी में आते हैं।
2. व्यर्थ विचार- अपने अतीत और अपने भविष्य के बारे में अत्यधिक सोचना इसका उदाहरण है।
3. नकारात्मक विचार- ग़ुस्सा, अहंकार, जलन और लालच इंसान को नकारात्मकता से भर देते हैं।
4. सकारात्मक विचार- नकारात्मक विचारों के विपरीत प्रेम, शांति और परोपकार के विचार सकारात्मक विचार कहलाते हैं। इंसान की कामयाबी की बुनियाद और सभ्यता के विकास का आधार यही विचार होते हैं। सकारात्मक विचार ही इंसान को सबके लिए उपयोगी बनाते हैं और समाज में लोकप्रियता दिलाते हैं।
अपने विचारों को जानने और संवारने की यह कला ‘थॉट मैनेजमेंट‘ कहलाती है। इस कला के माध्यम से आदमी अपने मन को सुमन बना सकता है। एक सुंदर व्यक्तित्व कहलाने का हक़दार वास्तव में वही है जिसने अपने मन को सुमन बना लिया है।

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