जिस राष्ट्र में दूसरों का हक़ मारने और किसी अन्य के हक़ पर क़ब्ज़ा करने का चलन आम हो जाय, उसमें अल्लाह दुश्मन का ख़ौफ़ डाल देता है। जिस राष्ट्र में व्यभिचार फैल जाए वह विनाश को पहुंच जाता है। जहां नाप-तौल में बेईमानी हो वहां कमाई की बरकत ख़त्म हो जाती है। जहां ग़लत और जबरन फ़ैसले हों वहां ख़ून-ख़राबा होता है और जो क़ौम वायदे तोड़ती है, उस पर दुश्मन का क़ब्ज़ा हो जाता है।
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श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
ReplyDeleteआपने सही लिखा है.
ReplyDeleteश्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.गुरुवर
ReplyDeleteइसलिए,उचित और अनुचित का भेद जानकर ही क़दम बढ़ाना चाहिए ताकि तात्कालिक स्वार्थ से जी भरने के बाद जब उस मालिक को जवाब देने का वक्त आए,तो सिर ऊंचा रख सकें।
ReplyDeleteक्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ. आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
ReplyDeleteअगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?